यूं तो यादें बड़ी ही नाचीज होती हैं
तन्हाई में दिल के सबसे करीब होती हैं
गम भी होते हैं इसमें और ख़ुशी भी होती है
ये जिंदगी तो नहीं पर उसकी पहचान होती है
यूं तो ये मन की हलचल है थोडी सी बस पर
काबू से बाहर होने पे समस्या अजीब होती है
जब कोई अपना कहीँ दूर हो तो जयादा आती हैं
सफर मुश्किल हो तो भी उसके पास ले जाती हैं
देख के उसको अपनेपन का अहसास कराती हैं
यूं तो ये मन की हलचल है थोडी सी बस पर
जो संभव न हो तो बेबसी का अहसास कराती हैं
फिर खूब ये हमें रुलाती है खूब हमें तड़पाती हैं
संभल गए तो ठीक वर्ना ये बेकाबू हो जाती हैं
हमने बनाया था इन्हे अब ये अपना अहसास कराती हैं
यूं तो ये मन की हलचल है थोडी सी बस पर