हम मिले कुछ इस तरह से
नदिया के किनारे हो जैसे
जो पास तो रहे हमेशा
पर साथ कभी ना आ पाए
बीच में जोड़े थोडा जो पानी था
वो शांत तूफ़ान की निशानी था
वो प्यार तो हो ही नहीं सकता
टूट गया पलों में वो बस रिश्तों
की एक कमजोर कहानी था
पानी कब तक जोड़ता साहिलों को
उसे भी तो जाके समंदर में खोना था
कितनी लहरों को रोकता खुद में वो
जब लिखा नसीब में जुदा होना था