“कभी साथ बैठो …तो कहूँ कि दर्द क्या है,
अब यूँ दूर से पूछोगे….तो ख़ैरियत ही कहेंगे !”
“व्यस्त हो आप शायद……तो वक्त ही कहाँ है,
जुड़े रहिये शब्दों से हमारे ….. हम भी खुश ही रहेंगे !”
“कभी साथ बैठो …तो कहूँ कि दर्द क्या है,
अब यूँ दूर से पूछोगे….तो ख़ैरियत ही कहेंगे !”
“व्यस्त हो आप शायद……तो वक्त ही कहाँ है,
जुड़े रहिये शब्दों से हमारे ….. हम भी खुश ही रहेंगे !”
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