Hi to all readers. I am not completely agree with these lines so i wrote my view in this poem.Please read it complete and tell me which view is right ? This is a message too …...
वो कहते है की प्यार कब किसका पूरा हुआ है !
तन के मिलन का नाम ही प्यार कब हुआ है !!
प्यार तो किसी से मन के मिलन की चाहत है !
जिसे हुआ उसे दूर रहके भी अहसास हुआ है !!
राधा और कृष्ण शरीर से भले न मिले !
अपनी रूह और आत्मा से एक हो चले !!
गरम दूध पियें कृष्ण पर छाले राधा के गले मिले !
ऐसे जुड़े नाम भी राधेकृष्ण आजतक साथ चले !!
मीरा की अमर मुहब्बत भी हो जवां गयी !
सशरीर श्याम की मूर्ति में जाके समां गयी !!
अपने प्रेम का मिलन तो वो भी पा गयी !
सच्ची मुहब्बत का अर्थ हमें समझा गयी !!
शबरी के मुहब्बत भी अमर हो गयी !
रोज मीठे बेर चुनती राम के लिए !!
खुद वर्षों तक कडवे खा के सो गयी !
सो श्री राम स्वयं जाकर मिले उनसे !!
उसकी मुहब्बत भी अपना मिलन पा गयी !
झूठे बेरों की मिठास भी प्रभु को भा गयी !!
रांझे हीर की कहानी कहाँ अधूरी रह गयी !
शरीर को ही तो बस कैद किया ज़माने ने !!
पर उनकी तो रूह से रूह ही एक हो गयी !
हीर को मारा गया तुरंत सांसे रांझे की खो गयी !!
जो चला मुहब्बत के रूहानी रस्ते पे !
उन सबकी तो तमन्नाये पूरी हो गयी !!
सिर्फ तन के प्यार को समझने वालो !
क्या समझोगे तुम मन के मिलन को !!
मुहब्बत को कब दुनिया वहा रोक पाई है !
जहाँ रब ने खुद दुनिया अलग सजाई है !!
©100rb
Awesome! Fully agree with these lines.
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thank you meenakshi sethi ji for visiting realoveforever! and your likes .
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Thank you Guys for your likes. In this poem i tried to describe the spirit of For ever love.
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