लोग कहते हैं दर्द का !
खरीददार नहीं मिल पाता !!
उससे पूछ तो लो यार जिसे !
ये है मिल जाता !!
कोई कम्बख्त इसे बेचना !
भी तो नहीं चाहता !!
वफ़ा इसने भी पूरी दिखा दी !
अलग जाना ही नहीं चाहता !!
कोशिश की भी थी कभी हमने !
आँखों के रास्ते निकाल दें इसको !!
पर अश्कों का पानी सूख ही नहीं पाता!!!
©100rb
क्या खूब लिखा है।कोई कम्बख्त आंसू बेचना भी तो नहीं चाहता !!
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धन्यवाद मधुसुदन जी
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स्वागत आपका।
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