Love with my Pen!

मुहब्बत कलम से !

हम तो कलम से मुहब्बत,

कर बैठे तुमसे जुदा होकर !

ये ताकत भी  तुम्हीं ने तो,

अदा फरमाई है बेवफा होकर !

तुम्ही ने तो ये हुनर सिखाया है,

बस फर्क सिर्फ इतना आया है !

कल लिखते थे तेरे लिए तेरे होकर,

आज तेरी वजह से तनहा होकर !

जब दौर ऐ तड़प से गुजरते हैं,

बस हाथ थिरकने से लगते हैं !

अहसास को उतारने कागज पर,

बस कलम हम घिसने लगते हैं !

©100rb

12 thoughts on “Love with my Pen!

  1. Madhusudan says:

    हम तो कलम से मुहब्बत,
    कर बैठे तुमसे जुदा होकर !
    ये ताकत भी  तुम्हीं ने तो,
    अदा फरमाई है बेवफा होकर –क्या बात👌👌👌

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