मुहब्बत कलम से !
हम तो कलम से मुहब्बत,
कर बैठे तुमसे जुदा होकर !
ये ताकत भी तुम्हीं ने तो,
अदा फरमाई है बेवफा होकर !
तुम्ही ने तो ये हुनर सिखाया है,
बस फर्क सिर्फ इतना आया है !
कल लिखते थे तेरे लिए तेरे होकर,
आज तेरी वजह से तनहा होकर !
जब दौर ऐ तड़प से गुजरते हैं,
बस हाथ थिरकने से लगते हैं !
अहसास को उतारने कागज पर,
बस कलम हम घिसने लगते हैं !
©100rb
हम तो कलम से मुहब्बत,
कर बैठे तुमसे जुदा होकर !
ये ताकत भी तुम्हीं ने तो,
अदा फरमाई है बेवफा होकर –क्या बात👌👌👌
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आपको पसंद आया बहुत धन्यवाद जी
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👌👌👌…
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Thanks ji
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Your quotes par bhi site hai na aapki ?
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Ji site to nhi profile hai
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Sorry id…
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Ji hai wahi id ko site bol diya galti se maine follow kiya hai aapko
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Thanks poonam ji
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Ji thanks
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Shayad aap mujhe pehchan le waha par 👍👍👍
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Ok ji
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