ॐ
मैंने तो यही पाया की तुझमें ही ब्रह्माण्ड समाया !
बस कोई समझ गया कोई भेद ना पाया !!
प्राण भी तुम हो सांस भी तुम्हीं हो !
तुमने ही तो खूबसूरत ये जीवन बनाया !!
तेरे ही दम से खिलते हैं फूल यहाँ !
तुझ से ही तो चारों और हरियाली है !!
तुमने ही तो ये सारा संसार बसाया !
तू ही शिव तू ही शक्ति तू ही भगवान है !!
तेरी इस ध्वनि (ॐ) से चलता है कण कण !
तू ही देता उर्जा सबको ॐ ये तेरा ही तो काम है !!
हर मंत्र का प्रणव तू है ब्रह्माण्ड का अर्णव तू है !
तुझसे पैदा होता चलता है तेरे दम से !!
एक दिन तुझमे ही ख़तम हो जायेगा !
मंदिर मस्जिद चर्च गुरूद्वारे में !
कहाँ पर तू मुझको मिल पायेगा !!
अपने अन्तर से जब बैठूंगा सिर्फ तेरे लिए !
तू मुझे खुद में ही मिल जायेगा !!
ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ शांति !!!
©100rb
thanks to all for your love n blessings
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बहुत खूबसूरत लिखा—ॐ नमः शिवाय।
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thanks Madhusudan ji
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Bhot achha likha hai.. Khubsurat shabdo se
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Ji shukriya tahedil aapka
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