ओ मेरे भैया इस राखी तुमसे कुछ कहना है !
मुझे कभी ना तुमसे नाराज रहना है !!
मैं रूठ जाती हूँ तो तुम मुझे मनाया करो !
पास बैठ के मुझे मेरी गलती समझाया करो !!
एक दिन इस आँगन से दूर चली जाऊंगी !
फिर ना कभी यहाँ लौट के ऐसे रह पाऊंगी !!
मेरे वीरा तुम ही तो मेरी जीने की ताकत हो !
मेरे भाई तुम ही मेरी जिन्दगी की हिफाजत हो !!
इस राखी अपने वीरे से बस यही कहना चाहूंगी !
तुम रक्षा करना मेरी और मैं संस्कार निभाऊंगी !!
तुम मेरे और माँ बाबा के लिए दिल छोटा न करना !
वरना मैं तो बस जीते जी ही मर जाऊंगी !!
तुम निभाना अपने फर्ज मैं अपने वादे निभाऊंगी !
बाबुल के इस आँगन को हमेशा बस खुश देखना चाहूंगी !!
©100rb
a very nice one bringing out the aura of Raksha bandhan
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thank you sir ji
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raksha bandhan ke purv bahut sundar kavitaa ki prastuti
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जी धन्यवाद ! इसमें भाई बहिन के किशोरावस्था की नोंक झोंक के साथ उनके अटूट प्रेम और तमाम उम्र उसे जीवित रखने का सन्देश देने की कोशिश की है मैंने
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bahut khub ……raksha bandan par bahut badhiyaa kavitaa……
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Bahut hi pyara….Bilkul bhai bahan ke sneh jaisa
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Thanks ji
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Thanks
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