आकर तुझसे राखी बंधवानी है !!
मुझे तेरी राखियों की कसम निभानी है!
पाक चीन को धूल चटानी है !!
रक्षा करने का वचन मेरा !
मुझे वचन की आन निभानी है !!
आकर तुझसे राखी बंधवानी है !!
तू अपना मन छोटा ना कर !
नीयतें जिनकी ख़राब हों !
खुदा उनका साथ नहीं देता !!
इरादे जिसके नापाक हों !
वो मुल्क भी दुनियां का सरताज नहीं होता !!
इस बार उन्हें औकात बतानी है !
आकर तुझसे राखी बंधवानी है !!
तू मेरा इन्तजार करना !
लौट कर जल्दी घर वापिस आऊँगा !!
डाली है जिसने बुरी नजर माँ भारती पे !
पहले उस सीने को छलनी कर आऊँगा !!
मुझे सभी भाई बहनों के रक्षा करके आनी है!
आकर तुझसे राखी बंधवानी है !!
©100rb
bahut badhiya likha hai….
LikeLiked by 1 person
Dhanyawad Madhusudan ji
LikeLiked by 1 person