हम तो ले आये तूफ़ान से तेरी कश्ती निकाल के,
यारा तुम्हे भी तो रखना था मेरा दिल संभाल के.
गर दुनियाँ की बंदिशे इतनी ही बड़ी लगती थी,
तो करते आप मुहब्बत भी जरा देखभाल के…….
कल तक हम चलते थे इज्जत से छाती तान के,
आज पोंछते रहते हैं बस आंसू अपने रुमाल से.
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Published by 100rb (realoveforever)
"kuch najar nahi aata ek uske sivay"
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